हिन्दी , उर्दू के बच्चों की खाला और उर्दू , हिन्दी के बच्चों की मौसी है
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2009
मेरा पहला दिन
ब्लॉगिंग की दुनिया में प्रवेश कर रहा हूँ ग़ालिब के इस शेर के साथ है और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़े बयाँ और आप सभी को मेरा अभिवादन - अंसार अहमद
ब्लॉगिंग की दुनिया में प्रवेश पर ढेर सारी शुभकामनाये । उम्मीद है यहाँ आपको बेहतर रचने का अवसर मिलेगा और आपकी प्रतिभा परवान चढ़ेगी - शुभकामनायें शरद
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